Amit Shah: रामायण की तरह जब संसद भी एक रणभूमि बन जाए, तो शब्द तलवार बनकर आपकी सोच को चीरते हुए सामने आते हैं। मंगलवार को लोकसभा में Pahalgam आतंकवादी घटना और Operation Sindoor को ले कर जो माहौल बना, उसमें Home Minister अमित शाह ने P. Chidambaram की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनके शब्द ऐसे थे जैसे वे सीधे देश की आत्मा से बात कर रहे हों।
Table of Contents
हमारे पास सबूत हैं शाह का चिदंबरम को कटाक्ष भरा जवाब
Chidambaram ने धमकी दी थी कि यह संभव है कि आतंकवादी भारत-भर्ती (homegrown) हों, न कि पाकिस्तान से आए। लेकिन अमित शाह ने लोकसभा में साफ कहा कि “हमारे पास सबूत हैं कि हमलावर पाकिस्तानी ही थे” । उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के पास Pakistan की वोटर ID, चॉकलेट्स और हथियार मिले, जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तान से जुड़ाव को दर्शाते हैं।
उन्होंने Chidambaram पर तीखी आलोचना करते हुए कहा “आप पाकिस्तान को बचाकर क्या हासिल करना चाहते हैं? किसको बचाना चाह रहे हैं?” ।
Operation Sindoor जब पूरी कहानी साफ हुई
अमित शाह ने यह भी बताया कि Pahalgam हमले में शामिल तीनों आतंकवादी Operation Mahadev में मारे गए थे और उनके पास वहीं वही प्रमाण पाए गए जो जांच एजेंसियों ने तैयार किए थे फोरेंसिक रिपोर्ट, हथियारों की मिलान, पहचान दस्तावेज और उनके Pakistan से आने का पूरा क्रम ।
इस घोषणा के बाद भी विपक्ष की प्रतिक्रिया को देखकर शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि देश की सुरक्षा के लिए सभी दल एक हों, पर लगता है कुछ “इनक” से चेहरे पर रंग आए हों।
राजनीति की वह लड़ाई जो विश्वास की भावना को झकझोरती है
यह मुद्दा केवल एक बयान या बयानबाज़ी से कहीं आगे का है यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सत्य और जवाबदेही का सवाल है। Chidambaram की “homegrown” टिप्पणी पर BJP ने तीखा निशाना साधा है कि कांग्रेस “पाकिस्तान के बचाव” की बात कर रही है, जिससे उनकी सजगता पर सवाल उठते हैं । अमित मालवीय जैसे नेता सोशल मीडिया पर इसे देखते हुए लिख रहे हैं “वोटर-IDs से लेकर चॉकलेट तक पाकिस्तान से मिलती पहचान है”।
Chidambaram ने भी सोशल मीडिया पर जवाब दिया कि उनका पूरा इंटरव्यू नहीं दिखाया गया, कुछ शब्द काटकर पेश किए गए “सबसे बदतर प्रकार”的 ट्रोल होता है जो पूर्ण जानकारी को तोड़-तोड़कर पेश करे” ।
क्या यह राजनीति की नई कुर्सी बनाएगी
अब संसद में Operation Sindoor पर बहस तेज़ी से आगे बढ़ रही है। अमित शाह के आरोपों से स्थिति और गंभीर होती जा रही है कि क्या कांग्रेस की टिप्पणी राज्य संस्थाओं पर विश्वास को कमजोर करने की नीयत थी? या यह सिर्फ सवाल था, जवाब पाने का?
Lok Sabha में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री इस बहस में हिस्सा ले रहे हैं। यह बहस सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद की जमीनी ज़रूरतों से जुड़ी है।[Related-Posts]
संसद की गूँज और जनता की उम्मीदें
इस बहस ने साबित कर दिया है कि सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर हमें केवल तथ्य और दस्तावेज़ों की उम्मीद करनी चाहिए, न कि अटकलों की। जब लोकसभा में कोई शब्दों की गाड़ी चमकने लगे, तब जनता की सच्चाई समझने की चाह और बढ़ती है क्योंकि यह सिर्फ एक बयान नहीं है, यह उस देश की आंधी है जो सुरक्षा, इमानदारी और स्पष्ट उत्तरों का ख्वाब देखती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल समाचार स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को राजनीतिक सलाह या प्रमाणित दस्तावेज की तरह न समझें। कृपया किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले सम्बंधित स्रोतों की पुष्टि अवश्य
Also Read:
MG Hector 2025: सिर्फ ₹15.00 लाख में मिल रहा है लग्जरी, सेफ्टी और टेक्नोलॉजी का जबरदस्त कॉम्बिनेशन
देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS में 12,000 नौकरियां जाएंगी नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ा झटका