Old Pension Scheme पर बड़ा अपडेट! केंद्र सरकार ने नया नियम लागू किया, जिससे हजारों सरकारी कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन का लाभ मिलेगा। जानें OPS की पूरी जानकारी और इसका असर।
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (OPS) की वापसी की मांग कर रहे कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने एक नया नियम लागू कर दिया है, जिससे हजारों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलने जा रहा है। यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो नई पेंशन योजना (NPS) को असुरक्षित मानते थे और रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय की उम्मीद कर रहे थे।
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Old Pension Scheme (OPS) क्या है?
OPS यानी Old Pension Scheme एक ऐसी पेंशन प्रणाली थी जिसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का लगभग 50% या उससे अधिक पेंशन के रूप में मिलती थी। खास बात यह थी कि इस योजना के लिए कर्मचारियों को कोई अंशदान नहीं देना पड़ता था। पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता था।
यह एक गारंटीड पेंशन सिस्टम था जो कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता था। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली तय मासिक पेंशन के साथ-साथ इसमें महंगाई भत्ते (DA) का भी लाभ मिलता था, जिससे समय के साथ पेंशन बढ़ती रहती थी। यही वजह थी कि यह योजना सरकारी कर्मचारियों के बीच बेहद लोकप्रिय थी।
नई पेंशन योजना (NPS) क्यों आई?
साल 2004 में केंद्र सरकार ने OPS को खत्म कर दिया और उसकी जगह नई पेंशन योजना (NPS) लागू कर दी। NPS एक मार्केट-लिंक्ड स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों और सरकार दोनों को योगदान करना होता है।
रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि शेयर बाजार और अन्य निवेश साधनों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। यही कारण है कि कर्मचारियों को इसमें स्थिर पेंशन की गारंटी नहीं मिलती। कई कर्मचारी इसे असुरक्षित मानते हैं क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उनकी आय निश्चित नहीं रहती।
Old Pension Scheme की वापसी की मांग क्यों बढ़ी?
देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारी और उनकी यूनियनें लगातार Old Pension Scheme की वापसी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:
NPS रिटायरमेंट के बाद वित्तीय असुरक्षा पैदा करता है।
बढ़ती महंगाई के दौर में तय पेंशन न होना कर्मचारियों के लिए बड़ी समस्या है।
Old Pension Scheme से रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी सरल और स्थिर बनती थी।
इसी कारण कई राज्यों के कर्मचारी NPS को समाप्त कर OPS को फिर से लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
किन राज्यों ने OPS को फिर से लागू किया?
कई राज्य सरकारें पहले ही Old Pension Scheme को दोबारा लागू कर चुकी हैं।
राजस्थान
छत्तीसगढ़
हिमाचल प्रदेश
पंजाब[Related-Posts]
इन राज्यों के फैसलों के बाद झारखंड और दिल्ली सरकार भी OPS की वापसी पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। इस तरह केंद्र सरकार पर भी OPS बहाल करने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
OPS की बहाली से क्या होगा फायदा?
Old Pension Scheme की वापसी से कर्मचारियों को कई फायदे मिलेंगे:
गारंटीड मासिक पेंशन: आखिरी सैलरी के आधार पर तय पेंशन मिलेगी।
महंगाई भत्ता (DA) का लाभ: पेंशन समय के साथ बढ़ती रहेगी।
रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय: कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
बाजार की अनिश्चितता से छुटकारा: पेंशन शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर नहीं होगी।
यह सभी फायदे OPS को कर्मचारियों के लिए और भी जरूरी बनाते हैं।
केंद्र सरकार की मौजूदा स्थिति
हालांकि केंद्र सरकार ने अब तक Old Pension Scheme की सार्वभौमिक वापसी पर कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन यह मुद्दा राजनीतिक रूप से काफी गर्म है। सरकार ने एक विशेष समिति का गठन किया है जो NPS को और मजबूत बनाने के उपायों पर विचार कर रही है।
लेकिन कर्मचारियों का मानना है कि NPS को मजबूत करना पर्याप्त नहीं है। Old Pension Scheme ही उन्हें रिटायरमेंट के बाद असली वित्तीय सुरक्षा दे सकता है।
नया नियम: हजारों कर्मचारियों के लिए राहत
हाल ही में केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। नए नियम के तहत, जो कर्मचारी 2004 के बाद चयन प्रक्रिया या तकनीकी कारणों से OPS के पात्र थे, उन्हें अब पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा।
कई अदालती फैसलों के बाद यह स्पष्ट हुआ कि ऐसे कर्मचारियों को OPS का अधिकार मिलना चाहिए। इस नियम के लागू होने से हजारों कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन का लाभ मिलेगा।
नतीजा
पुरानी पेंशन योजना की बहाली सिर्फ कर्मचारियों के लिए राहत नहीं है बल्कि यह उनकी आर्थिक सुरक्षा का आधार भी है। जहां कुछ राज्य पहले ही Old Pension Scheme को लागू कर चुके हैं, वहीं केंद्र सरकार पर भी कर्मचारियों का दबाव बढ़ता जा रहा है।
नए नियम के बाद यह उम्मीद बढ़ी है कि आने वाले समय में OPS पर राष्ट्रीय स्तर पर भी कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। फिलहाल के लिए यह खबर उन कर्मचारियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है जो रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय चाहते हैं।
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