CRPF celebrates 87th Raising Day: जब भी देश की सुरक्षा की बात होती है, एक नाम हमेशा गर्व से लिया जाता है केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी CRPF। यह वह बल है जिसने हर मोर्चे पर न केवल वीरता दिखाई है बल्कि अपने साहस, सेवा और समर्पण से देशवासियों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है। इसी गौरवशाली परंपरा को याद करते हुए सीआरपीएफ ने रविवार को अपना 87वां स्थापना दिवस बड़े ही सम्मान और गरिमा के साथ मनाया।
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वसंत कुंज में हुआ गरिमामय आयोजन
नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित शौर्य ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में इस विशेष आयोजन का आयोजन किया गया, जहां मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में उन वीरों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया।
वीरता का सम्मान, शहीदों को नमन
कार्यक्रम में 27 जांबाज़ जवानों और तीन शहीदों के परिवारों को बहादुरी पदक प्रदान किए गए। कुल 30 जवानों को यह सम्मान मिला, जिनमें से 17 ने नक्सल प्रभावित राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ और झारखंड में अद्वितीय वीरता दिखाई, वहीं 13 जवानों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ते हुए साहस का प्रदर्शन किया।
सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और 2,268 शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने ड्यूटी निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।
स्वर्णिम इतिहास की यादें
डीजी सिंह ने सीआरपीएफ के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए हॉट स्प्रिंग्स (1959) में चीनी सेना के खिलाफ लड़ाई और सरदार पोस्ट (1965) की ऐतिहासिक लड़ाई को भी याद किया, जहां केवल दो कंपनियों ने पाकिस्तान की पूरी ब्रिगेड को पीछे धकेल दिया था।
उन्होंने यह भी बताया कि अब डिप्टी कमांडेंट स्तर तक के सभी तबादले SANTOS ऐप के जरिए पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सीआरपीएफ ने इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ समझौते किए हैं ताकि जवानों के परिवारों को बेहतर शैक्षिक अवसर मिल सकें।
खेलों में भी दिखाया दम
देश की रक्षा के साथ-साथ सीआरपीएफ के जवान खेलों में भी पीछे नहीं हैं। पिछले वर्ष जवानों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 56 स्वर्ण, 48 रजत और 70 कांस्य पदक जीतकर पूरे बल को गौरवान्वित किया है।
राष्ट्र की सेवा में बहुआयामी भूमिका
गृह सचिव गोविंद मोहन ने अपने संबोधन में सीआरपीएफ की बहुपक्षीय भूमिकाओं की सराहना की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और छत्तीसगढ़ में शांति बनाए रखने में बल की अहम भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 149 फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOBs) की स्थापना के कारण माओवादी गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगा है। गृह सचिव ने सीआरपीएफ को “ट्रबल शूटर” कहा और आपदा प्रबंधन, आतंकवाद विरोधी अभियान, कानून-व्यवस्था और चुनाव ड्यूटी में इसके योगदान की भूरी-भूरी प्रशंसा की।[Related-Posts]
सेवा, सुरक्षा और समर्पण का प्रतीक
सीआरपीएफ की कहानी केवल एक बल की नहीं, बल्कि उन हजारों सपूतों की है जिन्होंने हर परिस्थिति में देश का साथ दिया है। स्थापना दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हर उस वीर को याद करने का दिन है जिसने हमारे लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई।
डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी समाचार स्रोतों और आधिकारिक वक्तव्यों से प्राप्त की गई है। किसी भी निर्णय या योजना से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें।
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